Delhi: सनातन धर्म को दुनिया का पहला धर्म कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि पृथ्वी के जन्म के करोड़ो साल के बाद जब मानव सभ्यता का उदय हुआ, तो सनातन धर्म की नीव पड़ी। जिसने ज्ञान, विज्ञान से मानव विकास में अहम योगदान दिया। लेकिन समय के साथ साथ इसमें बहुत सी बातों को तोड़-मरोड़ कर पेश कर दिया गया जो कि आज भी प्रचलन में हैं।
उन्ही में से एक बात यह है कि हनुमान जी को बन्दर कहा जाता है जो कि एक सफेद झूठ है। ऐसा कहकर सनातन धर्मी अनजाने में हुनमान जी का मजाक उड़ा रहा होता है। हनुमान वानर हैं, ना कि बन्दर।
महर्षि बाल्मिकी ने रामायण में कई ऐसी साधारण बाते लिखी हैं जो कि आजकल की रामायण में बढ़ा चढ़ा कर प्रस्तुत कर दी गई हैं। महर्षि बाल्मीकी जी ने हनुमान जी को वानर जाति का बताया है जो आज के दौर में लोगों द्वारा बंदर हो गया है। यह बहुत गलत बात है।
आप खुद ही सोचिये कि एक बंदर इंसान से कितना बुद्धिमान हो सकता है। यदि उसे बचपन से ही क्यों ना बहुत कुछ सिखा दिया जाये, तो भी वह इंसान की बुद्धि की बराबरी नहीं कर सकता।
सिर्फ बंदर ही नहीं बल्कि कोई दूसरा जानवर भी बुद्धि के मामले में मानव का मुकाबला नहीं कर सकता।
लेकिन वानर जाति के लोग ऐसा कर सकते थे। वे शिक्षा, युद्ध कला, राजनीति में कुशल हुआ करते थे। लंका में जाकर रावण का घमंड चूर करने की ताकत वानर की थी ना कि किसी बंदर की।
अब यह कभी मत कहना की हुनमान जी बंदर हैं।
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Jail bajraangwali
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