New Delhi: भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया "Rafael Fighter Jet कितना ताकतवर है" इस बात को लेकर सोशल मीडिया पर आये दिन कोई न कोई जानकारी शेयर होती रहती है। कभी इस लड़ाकू जहाज की तुलना पाकिस्तान के JF-17 , तो कभी F-16 से की जाती है। वहीं दूसरी तरफ तरफ राफेल की तुलना चीन के J-20 से की जाती है। आखिर राफेल फाइटर जेट की खासियत क्या है ?
क्या वाकई राफेल के आगे हमारे दोनों पड़ौसी देशों को अपनी वायुशक्ति का आंकलन करने के लिये मजबूर कर दिया है?
आइये जानते है Rafael Fighter Jet की खासियत के बारे में
राफेल दो इंजन वाला फाइटर जेट है जो भारतीय वायु सेना की सबसे पहली चाहत है।
राफेल का फ्यूल टैंक फुल होने के बाद यह 3700 किलोमीटर तक की दूरी बिना रुके कवर कर सकता है इसकेअलवा इसमें हवा में भी फ्यूल भरा जा सकता है जो कि इसको किसी भी कॉम्बेट ऑपरेशन के लिये हमेशा तैयार रहने के लिये मद्द करता है।
राफेल जमीनऔर हवा दोनों ही जगह पर अपने लक्ष्य को भेदने की क्षमता रखता है। हवा से हवा में मार करने के लिये मीटियोर मिसाइल, हवा से जमीन पर मार करने के लिये हैमर मिसाइल और स्कैल्प मिसाइल में लगी हुई हैं।
राफेल विमान की एक खास विशेषता उसे चीन और पाकिस्तान के एड़वांस फाइटर जेट से काफी गतिशील बनाती है और वो विशेषता है इस लड़ाकू जहाज का रेट ऑफ क्लाइम्ब । मतलब यह है कि यह JF-17, F-16 और J-20 से काफी तेजी से ऊंचाई पर पहुंच जाता है। खुद भारतीय वायु सेना मे इसके मुकाबले तेजी से ऊपर पहुंचने वाले फाइटर जेट नहीं हैं।
राफेल का रडार सिस्टम 100 किलोमीटर की रेंज में 40 लक्ष्यों को भेदने की क्षमता रखता है।
वैसे भी लड़ाकू जहाज की क्षमता पायलट की कुशलता पर निर्भर करती है और भारतीय वायु सेना के पायलट की कुशलता तो पूरी दुनिया बालाकोट में देख ही चुकी है।
0 Comments