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Some women set an example of women empowerment in India. महिलाएं खुद पर करें विश्वास, सिंगर स्वाति घोष ने बताई संघर्ष की दास्तां।

Bengaluru: देश की महिलाएँ पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं। अपने सपनों को नया आयाम दे रहीं हैं। हर क्षेत्र में महिलाओं की संघर्ष की कहानी एक मिसाल बनती जा रही है। देश के साथ-साथ परिवार का नाम रोशन करने में महिलाएं पीछे नहीं हैंं। पुरानी प्रथा की जंजीरों को तोड़ कुछ कर दिखाने, पहचान बनाने का जज्बा ही देश को महिला सशक्तिकरण की ओर ले जा रहा है।

Singer Swati Ghosh

इस बारे में वोकल म्यूजिक टीचर स्वाति घोष से जब बात हुई तो उन्होंने बताया कि महिलाओं को सिर्फ चौखट तक नहीं सीमित रहना चाहिए। आज के इस दौर में अपने पैरों पर खड़े होने की बहुत जरूरत है। हुनर को पहचान कर उसे तराशने की जरूरत है। महिलाओं को संदेश देते हुए उन्होंने अपने संघर्ष का एक जीता जागता उदाहरण पेश किया।
Swati Ghosh

पेशे से  गायिका स्वाति घोष बेंगलुरू में रहती हैं। बहुत सी विपरीत परिस्थितियाँ होने के बाद भी अपने हुनर और ख्वाबों को पूरा करने में जुटीं हैं। देश हुनरमंदों से भरा पड़ा है। स्वाति घोष का सपना है एक गायिका के रुप में पहचान बनाने की। जिसे लेकर वह लगातार मेहनत भी कर रहीं हैं। 7 साल की उम्र में स्वाति ने संगीत की शिक्षा लेनी शुरू कर दी थी।
Swati Ghosh
संगीत को अपना सबकुछ मानने वाली स्वाति से जब इस बारे में बात हुई तो उन्होंने बताया कि सबसे पहले मेरी माँ ने मेरे हुनर को पहचाना और मुझे संगीत क्लास में एडमिशन दिलाया। संगीत से लगाव धीरे धीरे मेरे अंदर बढ़ता गया। जिसे लेकर मेहनत करने लगी। स्वाति ने बताया कि पढ़ाई के साथ-साथ उनकी संगीत की शिक्षा भी चल रही थी। पढ़ाई खत्म होते ही कुछ विपरीत परिस्थितियों का भी उन्हें सामना करना पड़ा। जिसके कारण उन्हें नौकरी करनी पड़ी। इस दौरान संगीत को समय न द पाने के कारण उनके दिल में हमेशा मलाल रहता। परिवार, काम और विवाहिक जीवन ने संगीत से दूरी बनाने का काम किया। लेकिन कहते हैं हुनर कभी नहीं खत्म होता बस उसे तराशने की देर है। संगीत से लगाव ने स्वाति को जॉब छोड़ने पर मजबूर कर दिया। नौकरी छोड़ने के बाद संगीत को अपनी दुनिया बनाने वाली स्वाति आज बेंगलुरु में वोकल म्यूजिक टीचर हैं। साथ ही कई प्लेटफार्म पर पर्फोर्मेंस भी किया है। अब वह SG Music Academy में बच्चों को संगीत की शिक्षा देती हैं। स्वाति का कहना है कि सपनों में अभी रंग भरना शुरू किया है। अपनी इस सफलता के पीछे उन्होंने अपनी माता और गुरु गीताश्री भट्टाचार्य को बताया।  मेरा ख्वाब है कि एक प्लेबैक सिंगर के रूप में खुद को सामने लाऊँ। जिसके लिये संघर्ष जारी है।
women empowerment in India

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