Bengaluru: देश की महिलाएँ पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं। अपने सपनों को नया आयाम दे रहीं हैं। हर क्षेत्र में महिलाओं की संघर्ष की कहानी एक मिसाल बनती जा रही है। देश के साथ-साथ परिवार का नाम रोशन करने में महिलाएं पीछे नहीं हैंं। पुरानी प्रथा की जंजीरों को तोड़ कुछ कर दिखाने, पहचान बनाने का जज्बा ही देश को महिला सशक्तिकरण की ओर ले जा रहा है।
संगीत को अपना सबकुछ मानने वाली स्वाति से जब इस बारे में बात हुई तो उन्होंने बताया कि सबसे पहले मेरी माँ ने मेरे हुनर को पहचाना और मुझे संगीत क्लास में एडमिशन दिलाया। संगीत से लगाव धीरे धीरे मेरे अंदर बढ़ता गया। जिसे लेकर मेहनत करने लगी। स्वाति ने बताया कि पढ़ाई के साथ-साथ उनकी संगीत की शिक्षा भी चल रही थी। पढ़ाई खत्म होते ही कुछ विपरीत परिस्थितियों का भी उन्हें सामना करना पड़ा। जिसके कारण उन्हें नौकरी करनी पड़ी। इस दौरान संगीत को समय न द पाने के कारण उनके दिल में हमेशा मलाल रहता। परिवार, काम और विवाहिक जीवन ने संगीत से दूरी बनाने का काम किया। लेकिन कहते हैं हुनर कभी नहीं खत्म होता बस उसे तराशने की देर है। संगीत से लगाव ने स्वाति को जॉब छोड़ने पर मजबूर कर दिया। नौकरी छोड़ने के बाद संगीत को अपनी दुनिया बनाने वाली स्वाति आज बेंगलुरु में वोकल म्यूजिक टीचर हैं। साथ ही कई प्लेटफार्म पर पर्फोर्मेंस भी किया है। अब वह SG Music Academy में बच्चों को संगीत की शिक्षा देती हैं। स्वाति का कहना है कि सपनों में अभी रंग भरना शुरू किया है। अपनी इस सफलता के पीछे उन्होंने अपनी माता और गुरु गीताश्री भट्टाचार्य को बताया। मेरा ख्वाब है कि एक प्लेबैक सिंगर के रूप में खुद को सामने लाऊँ। जिसके लिये संघर्ष जारी है।
7 Comments
great... and inspiring too
ReplyDeleteShe is extraordinary in music nd a proud symbol of our nation
ReplyDeleteThank you very much. 😊
ReplyDeleteThank you very much
ReplyDeleteRegards Swati Ghosh
May success and prosperity follow you
ReplyDeleteIncredible
ReplyDeleteBht shandaar
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