New Delhi: 21 साल पहले आज के ही दिन तत्कालीन भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भारतीय सेना के पाकिस्तान सेना को कारगिल से खदेड़ने के दिन को विजय दिवस नाम दिया था। भारतीय सैनिकों ने अदम्य साहस का परिचय देकर दुनिया की सबसे मुश्किल परिस्थिति में पाकिस्तान द्वारा कब्जाई गई भारतीय ज़मीन को वापस पाया था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को देश को मन की बात कार्यक्रम के माध्यम से सम्बोधित किया। सरकारी रेडियो पर प्रसारित होने वाले इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कारगिल विजय के 21 साल पूरे होने के ऐतिहासिक दिन को याद किया। इसके साथ ही उन्होने पाकिस्तान के उस वक्त की कारगुजारियों पर भी निशाना साधा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि पाकिस्तान ने भारत की ज़मीन हड़पने और राजनैतिक कलह के चलते कारगिल युद्ध की रुपरेखा को तैयार किया। मोदी ने आगे कहा कि इसके युद्ध को जो परिणाम हुआ उसे पूरी दुनिया ने देखा। भारते के सैनिकों ने देश की रक्षा में बलिदान देकर हम लोगों को 26 जुलाई का ऐतिहासिक क्षण दे दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि न - बैरू अकराण सब काहू सों, जो कर हित अनहित ताहूं सों...अर्थात दुष्ट का स्वभाव ही होता है, हर किसी से बिना वजह दुश्मनी करना। ऐसे स्वभाव के लोग जो दूसरों का अहित करते हैं, उनका ही नुकसान होता है। मोदी ने कहा कि भारत की मित्रता के जवाब में पाकिस्तान द्वारा पीठ में छुरा घोंपने की कोशिश हुई।
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